Seminar / 18-Jun-2023

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कश्मीर की भूमिका, ज्येष्ठा माता मंदिर, जीठयार, श्रीनगर

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कश्मीर की भूमिका पर आयोजित सेमिनार|  18 जून 2023  12.00 बजे स्थान - ज्येष्ठा माता मंदिर, जीठयार, श्रीनगर

आज़ादी का अमृत के तत्वाधान में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलोपमेंट एंड चेंज तथा संजीवनी शारदा केंद्र के सहयोग से  जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में 18 जून को ‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कश्मीर की भूमिका’ विषय पर  एक दिवसीय सेमिनार आयोजित हुआ। कश्मीर के ज्येष्ठा माता मंदिर में आयोजित सेमिनार में कश्मीर तथा देश के अलग-अलग राज्यों से आए अनेक व्यक्तियों तथा बुद्धिजिवियों ने भाग लिया ।सेमिनार का विधिवत शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व संजीव शारदा केंद्र के अध्यक्ष डॉ महाराज कृष्ण भारत ने देश के विभिन्न राजनैतिक गैर- राजनैतिक सांस्कृतिक गैर-सांस्कृतिक गतिविधियों में भिन्न भिन्न कार्यक्रमों,योजनाओं तथा शृंखलाओं के माध्यम से केंद्र कैसे योगदान कर रहा  है इस पर प्रकाश डालते हुए सेमिनार में उपस्थित जनता को संबोधित किया साथ में ऊन्होने कश्मीर के स्वतन्त्रता सेनानियों के गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी और कहा कि कश्मीर कि शारदा लिपि के एतिहासिक और सांस्कृतिक ग्रन्थों को फिर से संरक्षित करने का काम शारदा केंद्र द्वारा किया जा रहा है ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे  कश्मीर विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर डॉ करतार चंद शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम में कश्मीर के योगदान का एक सुदीर्घ इतिहास रहा है जब भी देश को कश्मीर की जरूरत पड़ी है तब तब कश्मीर देश के लिए उपस्थित रहा है लेकिन दुर्भाग्यवश इसे  हमारे इतिहास से गायब कर दिया गया।कश्मीर प्राचीन काल से ही बुद्धिजीवियों तथा परिवर्तनकारी लोगों की भूमि रहा है।भारतीय ज्ञान परंपरा में अभिनवगुप्त तथा मम्म्ट के योगदान को कोई भूल नहीं सकता एक तरीके से इन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा को समृद्ध किया तो वहीं  मध्यकाल में मुग़लों का प्रतिरोध कश्मीरियों ने अत्यंत अदम्य साहस और शौर्य से कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया तथा आधुनिक काल में ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोहा भी लिया जिसमें सर्वानंद कौल प्रेमी , गिरधारी लाल डोगरा तथा मकबूल शेरवानी जैसे क्रांतिकारियों का योगदान अमूल्य है। ऐसे में हम देखें तो स्वतन्त्रता संग्राम में कश्मीर की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रही है। इससे हमें प्रेरणा लेते हुए देश हित में आगे बढ़ना है तथा स्वतन्त्रता संग्राम में कश्मीर कीभूमिका को विश्व पटल पर उजागर करना है। 

कार्यक्रम का मुख्य सम्बोधन वरिष्ठ  पत्रकार और जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक श्री आशुतोष भटनागर द्वारा दिया गया। श्रीभटनागर ने स्वतन्त्रता संग्राम में कश्मीर की भागीदारी पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये अपना भाषण दिया तथा अपने ज्ञान की गहरी अंतर्दृष्टि से उपस्थित सभी लोगों को विषय के विभिन्न तथ्यों से अवगत कराया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ज्येष्ठा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री भारत भूषण भट्ट की गरिमामयी उपस्थिती ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की। 

 

 

 

 

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