Cultural Event / 07-Jul-2023

क्रांतितीर्थ उत्सव एवं बलिदानियों के परिजनों का सम्मान, हाथरस, उत्तर प्रदेश

आज़ादी का अमृत महोत्सव के तत्वाधान में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (CARDC), संस्कार भारती एवं अन्य विभिन्न संस्थाओं के साथ  राष्ट्र जागरण के पर्व क्रांतितीर्थ का समस्त भारत में आयोजन कर रहा है। क्रांतितीर्थ  इस क्रांतिधरा के उन सभी अनाम अज्ञात बलिदानियों को कृतज्ञ भारतवासियों की ओर से वंदन की श्रंखला है। 
इसी क्रम में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के निर्देशन में सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च एंड डेवलपमेंट एंड चेंज के संयोजन में 7 जुलाई को हाथरस के अग्रवाल सेवा सदन में संस्कार भारती द्वारा ‘ क्रांतितीर्थ’ श्रृंखला का अयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश की स्वतंत्रता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अज्ञात बलिदानियों को याद किया गया एवं उनके परिजनों  को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव श्री चंपत राय, विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरण तथा मुख्य वक्ता के रूप में जम्मू कश्मीर अध्ययन  केन्द्र दिल्ली के निदेशक श्री आशुतोष भटनागर रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामकुमार अग्रवाल ने की। इस मौके पर स्वतंत्रता में बलिदान हुए गुमनाम बलिदानी क्रांतिवीर मुंशी गजाधर सिंह, क्रांतिवीर जनार्दन वाजपेयी और क्रांतिवीर कन्हैयालाल के परिवार को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव श्री चंपत राय ने अपने संबोधन में  देश की स्वतन्त्रता में आम जन के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, हमारे देश की स्वतन्त्रता में प्रत्येक व्यक्ति का योगदान रहा है तथा उन्होंने स्वतन्त्रता के लिए कुछ न कुछ जरूर किया है। हमारा भारत पूरी तरह से कभी गुलाम नहीं हुआ अगर हुआ भी तो उसके विरुद्ध उसका संघर्ष हमेशा रहा है।
मुख्य वक्ता जम्मू और कश्मीर अध्य्यन केन्द्र दिल्ली के निदेशक श्री आशुतोष भटनागर ने अपने संबोधन में  विदेशी आक्रमणकारियों के जूल्म का  इतिहास एवं उनके खिलाफ भारतीय जनमानस के संघर्ष के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए वीर सावरकर के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि गुलामी के खिलाफ हमारे संघर्ष की शुरुआत उस दिन से हो गई थी जिस दिन से आक्रमणकारियों के मन में भारत को गुलाम बनाने का विचार आया था। भारत को अपने स्व की पहचान हमेशा से रही है इसीलिए हजार वर्ष के इतिहास में ऐसा कोई भी दिन नहीं रहा जिस दिन भारत पूरी तरह से गुलाम हो गया हो या उसने गुलामी के खिलाफ संघर्ष नहीं किया हो।

इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय ; विधान परिषद सदस्य ऋषिपाल सिंह , विधायक अंजूला सिंह माहौर , पालिका अध्यक्ष श्वेता चौधरी ,  पूर्व सांसद राजेश दिवाकर , पूर्व सदस्य सांसद लालबहादुर रावल, जिला प्रभारी देवेंद्र चौधरी , सांसद प्रतिनिधि राजेश सिंह गुड्डू, जिला अध्यक्ष गौरव आर्या तथा सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च एंड डेवलपमेंट एंड चेंज की तरफ से डा शुचि यादव, श्री अमिताभ ठाकुर, डा अमृता शिल्पी, प्रदीप डबराल, अर्पणा, अर्जित चित्रांश आदि उपस्थित रहे।
 

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